Tuesday, 30 June 2009

चलो चलें स्वर्ग की ओर


चलो चलें,
उस सरहद की ओर,
जिसके पार मिले स्वर्ग हमें।
सुख-दुःख के चक्रव्यूह से परे,
शान्ति का हो अनुभव हमें।
चलो चलें, चलो चलें,
चलो चलें, स्वर्ग की ओर।

चलो चलें,
उस प्रेमनगरी की ओर-
द्वेष-घृणा के बदले,
स्नेह बँटता हो जहाँ।
जल और चंदन सा निर्मल,
प्रशांत वातावरण हो जहाँ।
चलो चलें, चलो चलें,
चलो चलें स्वर्ग की ओर।

चलो चलें,
आज तोड़कर सारी बाधाएँ।
आत्माएँ सबकी एक रहे,
साथ-साथ उठे सबके कदम।
जाती-पाँति के भ्रम से उपर उठकर,
नव मानवता को आधार बनाकर,
चलो चलें,चलो चलें,
चलो चलें स्वर्ग की ओर॥



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